Wednesday, December 31, 2008

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

सभी पाठकों को मेरी ओर से नव वर्ष की हार्दिक शुभ-कामनायें। नया वर्ष आप सभी के जीवन में ढेर सारी खुशियाँ लाये। बीते साल के कडुवे अनुभवों को भुलाकर नए साल को नई उमंग और जोश के साथ आप जीयें, मैं ईश्वर से ऐसी ही कामना करता हूँ। आओ नए साल को हँसी-खुशी के साथ मनाएं और परमपिता से प्रार्थना करें कि सभी का जीवन हमेशा खुशियों और आनंद से भरा रहे।

Thursday, December 11, 2008

वोट की ताकत


…पर पप्पू वोट नही देता … कोई टीवी पर बोल रहा था । सुनकर मैं सोचने लगा, आखिर पप्पू वोट क्यों नही देता? पप्पू को वोट देना चाहिए। पप्पू अगर वोट नही देगा तो फ़िर वोट का करेगा क्या? अपनी वोट से तो पप्पू अपने परिवार के लिए दो वक़्त की रोटी का भी जुगाड़ नही कर पायेगा। इतने सालों से वोट देता आ रहा है , अब तक उसकी रोटी की समस्या सुलझी क्या? तो फ़िर वो वोट देता क्यों नही है? उसे वोट चाहिए। उसे वोट देना ही पड़ेगा। क्योंकि उसके वोट पर तो इस मजबूर और बेबस देश की डूबती नैया को उबरने का दम भरने वाले इन बेशर्म , ढोंगी और निर्लज्ज खेवनहार नेताओं का जन्मसिद्ध अधिकार है।

देखा नही मुंबई की खौफनाक और वीभत्स घटना को किस आसानी से सामान्य तरीके से जीया इन बेशर्मों ने। कैसे देश और आमजन की भावनाओं से बे परवाह रहे ये वोट के लालची। पहली बात तो ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोक पाने में ही नाकामयाब रहे, उसपर कितने संवेदनहीन और निर्लज्जतापूर्ण बयानों से लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाई! कैसे देश की अस्मत और अखंडता को बचने के लिए अपने जीवन का आत्मोत्सर्ग करने वाले बलिदानियों की गरिमा को तार - तार कर दिया इन्होने। मानवीय संवेदनायें तो छू भी नही गई इन्हें। ये सब पप्पू की वोट का ही तो कमाल है। यही पुनरावृति फ़िर से हो इसलिए पप्पू को वोट देना चाहिए। हम पप्पुओं के इस वोट के दम पर ही तो ये सत्ता के भूखे भेड़िये सदियों से शांतिदूत के रूप में दुनिया के अगुआ रहे इस देश को पतन के गर्त में धकेलने में कामयाब होंगे।

तो क्या ये सब यूँ ही चलता रहेगा ? विचारने का यही सही वक़्त है , जबकि हम अपनी इस संवैधानिक शक्ति से अपने देश में फ़िर से एक नए मत के साथ अमन और चैन वापिस ला सकेंगे । सोचो …।